आंगनबाड़ी सेविकाओं ने घर-घर जाकर किया सूखा राशन का वितरण !
सुपौल/सरायगढ़: विमल भारती
आंगनबाड़ी सेविकाओं ने घर-घर जाकर किया सूखा राशन का वितरण !
बिहार/सुपौल: सरकार के बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र कि सेविकाओं ने सोमवार के दिन टीएचआर के दौरान लोगों के घर-घर जाकर सुखा राशन का वितरण किया।
इस दौरान कल्याणपुर गांव स्थित केंद्र संख्या 45 की सेविका नीलम कुमारी ने अपने पति शिव जी मेहता के साथ मोटरसाइकिल पर चावल, दाल, सोयाबीन आदि लेकर लोगों के घरों तक पहुंची और उसे पैकेट में राशन दिया। सेविका नीलम कुमारी ने कहा कि विभागीय निर्देश के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र और फिर होम डिलीवरी के माध्यम से सूखा राशन का वितरण करना है जो वह कर रही है।
उन्होंने कहा कि मोटरसाइकिल से लोगों के घरों तक जाना आसान होता है और कोरोना के इस महामारी के समय में लोगों को एक जगह जमा भी नहीं करना है। सेविका ने कहा कि सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए लोगों को घरों तक अनाज पहुंचा देने से संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि दिन भर में केंद्र पर नामांकित सभी लाभुकों के घर सुखा राशन पहुंचा दिया जाएगा।
उधर केंद्र संख्या 46 की सेविका ममता भारती भी अपने पति अजय कुमार के साथ टेंपो पर सुखा राशन लेकर लोगों के घर-घर भ्रमण करते दिखाई दी। पूछने पर सेविका ममता भारती ने कहा कि टीएचआर के दिन कोरोना संक्रमण काल में लोगों को केंद्र पर जमा नहीं करना है इस कारण वह खुद लोगों के घर पहुंच कर राशन दे रही है।
उन्होंने कहा कि दिए गए राशन से बच्चे तथा किशोरी धात्री और गर्भवती को कुपोषण दूर करने में मदद मिलेगी। केंद्र संख्या 41 की सेविका मीरा कुमारी, केंद्र संख्या 118 की सेविका अर्चना कुमारी, केंद्र संख्या 119 की सेविका बबीता कुमारी, केंद्र संख्या 116 की सेविका अंजू कुमारी, सेविका पुष्पा कुमारी आदि ने भी लोगों के घर- घर जाकर चावल, दाल, सोयाबीन आदि का वितरण की।
पर्यवेक्षिका अंजू कुमारी तथा रेखा कुमारी आर्या ने कहा की केंद्र संख्या 99 से लेकर 49 तक सभी पर सोमवार के दिन सुखा राशन का वितरण किया जाना था बाकी केंद्र पर आगे के समय सुखा राशन का वितरण होगा। बताया कि बैंक से राशि नहीं मिलने के कारण अन्य केंद्रों पर सूखा राशन का वितरण नहीं हो सका।
यहां यह बता दें कि सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों की कुल संख्या 145 है। पिछले कुछ माह से सूखा राशन वितरण को लेकर बार-बार असमंजस की स्थिति दिखाई दे रही है। किस केंद्र पार कब सूखा राशन का वितरण होगा यह जानकारी मुश्किल से लाभुकों तक पहुंच पाती है।