अरना पंचायत मे घोघारी नदी के तट पर कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन लगा बड़वाघाट मेला !

पटना:अनूप नारायण सिंह

 

अरना पंचायत मे घोघारी नदी के तट पर कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन लगा बड़वाघाट मेला !

छपरा/बिहार

आस्था व परंपरा की परिपाटी से जुड़े छपरा जिले के मशरख प्रखण्ड के अरना पंचायत मे घोघारी नदी के तट पर विगत डेढ़ वर्ष से भी ज्यादा समय से कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन लगने वाला बड़वाघाट मेला आधुनिकता की चकाचौंध के बाद भी अपनी पुरातन पहचान को कायम रखे हुए है जनश्रुतियों के अनुसार वनवास के दौरान भगवान राम ने यहां प्रवास किया था ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां पैर धोने से सभी पाप धुल जाते हैं इस परंपरा को आज भी लोग काम किए हुए है।

छपरा जिले के मशरख थाना अंर्तगत बरवाघाट में स्थापित ऐतिहासिक रामजानकी मंदिर 18वीं सदी में घोघारी नदी के तट पर बना है।इस ऐतिहासिक मंदिर के बारे में बहुत सारी जनश्रुतिया भी प्रचलित है। कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन यहां विशाल मेला लगता है। ऐसी कहानी प्रचलित है कि वनवास के दौरान भगवान राम यहां आए थे और खुद से इस मंदिर का निर्माण किया था।

1983 से पहले इस मंदिर के गुंबज में सोने का त्रिशूल लगा हुआ था जिसे डकैतों ने काट लिया। उफनती नदी के मुहाने पर जब डकैत सीढ़ी लगाकर मंदिर के गुंबद से सोने का त्रिशूल काट रहे थे तब हजारों की संख्या में ग्रामीण चारों तरफ से डकैतो को घेरे हुए थे। ऊफनती नदी की धारा का फायदा उठाकर डकैत भाग निकले। 2015 में स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ था। मंदिर के गुंबज पर पिछले वर्ष वज्रपात हुआ था आसपास के इलाके के लोग दैवीय चमत्कार मानते हैं।

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