ऑटोमैटिक सायरन से अब होगी खेतों की सुरक्षा !

सुपौल/बीरपुर:राजीव कुमार

नेपाल खुली सीमा पर भारतीय क्षेत्र के खेतों की सुरक्षा अब आटोमेटिक सायरन के द्वारा हो सकेगी।

बिहार/सुपौल:इंडो नेपाल बोडर खुली सीमा होने के चलते पिछले कई सालो से इलाके के दोनों तरफ के किसान सबसे ज्यादा बर्बाद होते रहे है।खासतौर से भीमनगर और आसपास के किसान तो कई सालों से नेपाल की तरफ जंगलो से आये जंगली जानवर और हाथियों द्वारा फसल नुकसान कर फिर वापस नेपाल के जंगलों में लौट जाना भी कोई नई बात नही रह गयी है।

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कुछ किसानों ने बताया कि पिछले साल हाथियों से तबाह हुई फसलों का मुआवजा भी अभी तक भुगतान नही हो पाया है।
इस बार भी इलाके के किसान हिम्मत जुटाकर नो मैन्स लैंड की तरफ पड़ने वाले अपने खेतों में धान और गेहूं लगा चुके है,और अब मक्का ,और केला और ईंख आदि की फसल लगा चुके है।केला और ईंख तो कम लेकिन मक्का पर इस बार किसानों ने ज्यादा ध्यान लगाया है।

किसानों की जी तोड़ मेहनत को देखते हुए फारेस्ट विभाग के द्वारा वार्ड 12 की तरफ से नो मैन्स लैंड की तरफ खेतो में लगी फसलों की सुरक्षा के लिए खेतो के किनारे 43 आटोमेटिक सायरन लगवाया गया है,जो नेपाल की तरफ खुली सीमा होकर भारतीय क्षेत्र के खेतों की तरफ आने वाले जंगली जानवर और हाथियों के आने से पहले ही बजने लगेंगे और तब तक किसान भी एलर्ट हो जाएंगे और खेत मे लगी फसलों की सुरक्षा भी हो जाएगी।

फोरेस्टर एस के गुप्ता ने बताया कि अबतक 43 सायरन लगाए जा चुके है,और धीरे धीरे सायरनो की संख्या बढ़ाई जाएगी इससे, जानवरो के आने की सूचना मिल जाएगी और किसान खेतो की सुरक्षा के इंतजाम समय पर कर लेंगे,और खेतों की सुरक्षा हो सकेगी।वार्ड 12 के किसान विशेश्वर यादव,रामदेव लहोतिया ,अरविंद सहनोगिया आदि ने वन विभाग की इस पहल की सराहना की है।

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