जूड़-शीतल पर बड़ों ने दिए आशीर्वाद !
सुपौल/करजाईन: गौरीश मिश्रा
जूड़-शीतल पर बड़ों ने दिए आशीर्वाद !
बिहार/सुपौल: जूड़-शीतल का पर्व गुरुवार को परंपरागत तरीके से मनाया गया। आज सुबह से ही घरों में बड़े-बुजुर्ग छोटे सदस्यों के माथे पर जल देकर ‘जुड़ाएल रहु’ का आशीर्वाद देते देखे गए। पर्व-त्योहारों की धरती मिथिलांचल में ये अकेला ऐसा पर्व है जिसमें बासी भोजन खाने की परंपरा है।
गुरुवार को कई घरों में चुल्हा नहीं जलाया गया। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में इस परंपरा को पूरी संजीदगी के साथ मनाया जा रहा है। इसके अलावा इसी दिन से सौरवर्ष का भी शुभारंभ हो जाएगा। सौर मास के हिसाब से वैशाख(हिंदी महीना का नाम) की शुरुआत हो जाएगी।
साथ ही जूड़ शीतल के अवसर पर लोगों ने पौधों में पानी देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। सुबह से ही बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाओं ने बाट यानी सड़क पर जल का पटवन कर शीतलता बनाए रखने का संदेश दिया।
आज से फिर गूंजेगी शहनाई
परंपरागत मान्यताओं के अनुसार चैत मास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते। जूड़-शीतल मेष संक्रांति को मनाया जाता है। यानी की अगले दिन से वैशाख माह शुरू हो जाता है। सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ ही चैत मास संपन्न हो गया। इस बारे में आचार्य धर्मेन्द्रनाथ मिश्र ने बताया कि इसके साथ ही अब शादी-विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे। मिथिला में शुभ विवाह का लगन 16 अप्रैल से शुरू हो रहा है।