लाभुकों ने लगाया डीलर पर अप्रैल माह के अनाज गबन का आरोप !

सुपौल/सरायगढ़: विमल भारती

 

लाभुकों ने लगाया डीलर पर अप्रैल माह के अनाज गबन का आरोप !

बिहार/सुपौल: सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के कुल्लीपट्टी ,जरौली गांव के कई लाभुकों ने स्थानीय जन वितरण विक्रेता पर बीते अप्रैल माह का राशन नहीं देने का आरोप लगाते हुए अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल से डीलर पर कार्रवाई की मांग की है। सोमवार के दिन कुल्लीपट्टी गांव में कई लाभुकों ने अपने-अपने हाथ में राशन कार्ड लेकर डीलर के खिलाफ आक्रोश जताया।

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लोगों का कहना था कि डीलर सदानंद मंडल उनलोगों का अंगूठा लेकर अप्रैल माह का अनाज अभी तक नहीं दिए हैं। 30 मई से जब मई माह का अनाज वितरण शुरू किया तब यह कहने लगे कि अप्रैल माह का अनाज पहले ही बांट दिए हैं। लाभुकों का कहना था कि डीलर ने उन सबों के साथ धोखा किया है। डीलर के दुकान पर पहुंच कर भी कई लोगों ने अप्रैल माह के अनाज का वितरण नहीं करने का आरोप लगाया।

 

लेकिन दुकान पर मौजूद डीलर सदानंद मंडल लोगों के आरोप को गलत बताते रहे। डीलर का कहना था कि अप्रैल माह के अनाज का अप्रैल में ही वितरण कर दिया गया। अब मई माह के अनाज का वितरण किया जा रहा है जो बिना पैसे का दिया जा रहा है। लेकिन दुकान पर उपस्थित लोग डीलर के बात से सहमत नहीं दिख रहे थे। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि मई माह के अनाज वितरण में भी प्रति परिवार चार से 5 किलो अनाज काट ले रहे हैं जो सरासर गलत है।

कोरोना संक्रमण काल में सरकार प्रति यूनिट 10 किलो अनाज मुफ्त में दे रही है। यदि किसी परिवार में 50 किलो अनाज दिया जाता है तो उसमें से डीलर 5 किलो काट लेते हैं। लोगों ने आक्रोश जताते कहा कि वह सब इस मामले को अनुमंडल पदाधिकारी तथा जिला पदाधिकारी तक ले जाएंगे।

लोगों के बार-बार के आक्रोश के बाद भी विक्रेता इस बात पर अड़े रहे कि उनके द्वारा अप्रैल माह के राशन का वितरण कर दिया गया है। दुकान पर से वापस लौटे लोगों ने एक लिखित आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी तथा अन्य पदाधिकारियों को देते हुए डीलर के धांधली की जांच की मांग की है।

लोगों द्वारा पदाधिकारियों को शिकायत आवेदन देने के बाबत जब डीलर से संपर्क किया तो उन्होंने कहा की जांच के समय वह अप्रैल माह के अनाज के वितरण का साक्ष्य पदाधिकारियों के समक्ष रखेंगे।मालूम हो कि पूरे प्रखंड क्षेत्र में मई माह का अनाज वितरण किया जा रहा है जिसे सभी लाभुकों को मुफ्त में दिया जाना है।

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