लॉकडाउन में मनरेगा योजना बना जीने का सहारा !

सुपौल/छातापुर: आशीष कुमार सिंह

लॉकडाउन में मनरेगा योजना बना जीने का सहारा !

बिहार/सुपौल: वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सम्पूर्ण बिहार में लॉकडाउन लगाया गया है ताकि कोरोना का कहर कम हो सके। वहीं देहारी मजदूरों की स्थिति दैनीय न हो इसके लिए सूबे की सरकार ने देहारी मजदूर को रोजगार देने के लिए कई योजनाएं चलए। वही मजूदर को शत प्रतिशत रोजगार कैसे मुहैया हो इसका जिम्मेदारी मनरेगा विभाग ने निर्वहन करना शुरू कर दिया है।

ग्रामीण स्तर पर मनरेगा योजना से काम शुरू होने के बाद मजदूरों में खुशी देखने को मिल रहा है क्योंकि मनरेगा योजना के तहत लोगों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी कड़ी में छातापुर प्रखण्ड के राजेश्वरी पूर्वी पंचायत में समिति मद से 29आरडी परमानंदपुर नहर से चरणें सीमा तक निकलने वाली नहर में तल सफाई एवं बांध मरम्मती कार्य किया जा रहा है।इस काम को पूर्ण करने के लिए लगभग 300 की संख्या में मजूदर काम कर रहे है ।

वही पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि अजय कुमार सरदार ने बताया कोरोना महामारी के मद्देनजर काम को फिजिकल डिस्टेंसिग के साथ पूरा किया जा रहा है और इस कार्य को पूर्ण करने के लिए लगभग 300 मजूदर काम कर रहे हैं।
वही उन्होंने बताया कि काम कर रहे मजदूरों के लिए मास्क ,सैनिटाइजर एवं पीने का पानी भी मुहैया करवाया गया है।

वही मजदूरों ने कहा कि मनरेगा योजना से काम मिलने के बाद इस कोरोना काल में खाने पीने की चिंता खत्म हो गई है अगर काम नही मिलता तो काफी समस्या का सामना करना पड़ता। इस घड़ी में मनरेगा योजना हम लोगों के लिए संजीवनी का काम कर रही है।

अमरेंद्र कुमार, मनरेगा पीओ

वही छातापुर मनरेगा पीओ अमरेंद्र कुमार ने बताया कि विभागीय आदेशानुसार कोरोना काल में सरकार द्वारा जारी निर्देश को ध्यान में रखते हुए प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश पंचायत में मनरेगा योजना से काम चालू कर मजदूरों को रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है ताकि मजदूरों को कोई समस्या नही हो।

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