NHAI के भू अर्जन विभाग की कार्यशैली से ऊब चुके जमीन मालिक अब कर रहे आन्दोलन की तैयारी !
सुपौल/राघोपुर: विकास आनन्द
NHAI के भू अर्जन विभाग की कार्यशैली से ऊब चुके जमीन मालिक अब कर रहे आन्दोलन की तैयारी !
ना घर के ना घाट के, सिमराही NH57 के रैयत !
NH57के निर्माण के लिए रैयतों के जमीन को अधिग्रहण किया गया था !
हाई कोर्ट के आदेश के बाद जिलाधिकारी सुपौल के स्वीकृति के दो वर्ष बाद भी रैयतों को नही मिला मुआवजा!
बिहार/सुपौल: सिमराही बाजार NH 57 के रैयतों द्वारा दायर वाद संख्या सी0डब्लू0जे0सी0 न0- 5989/2017 में पटना उच्च न्यायालय द्वारा जिलाधिकारी सुपौल को NH 57 में अधिगृहीत जमीन के वर्गीकरण कर व्यवसायिक दर के मुआवजे के निर्णय के लिए आदेश पारित किया था।
इस आदेश के आलोक में जिलाधिकारी सुपौल द्वारा सभी रैयतों को 12.10.2018 तक जमीन के व्यवसायिक प्रमाण के साक्ष्य के साथ प्रस्तुत करने को कहा गया था। सभी रैयत ने ससमय सक्षम पदाधिकारी को सारे साक्ष्य उपलब्ध करा दिया था और सक्षम पदाधिकारी सह जिला भू अर्जन पदाधिकारी सुपौल ने दिनाँक 12.10.2018 को परियोजना निदेशक ,भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को शेष संशोधित मुआवजे की राशि उपलब्ध कराने का आदेश भी कर दिया।
आदेश की जानकारी प्राप्त कर सभी 18 रैयतों ने खुशी मन से अपनी जमीन पर बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान एवम घर को खाली कर दिए तथा प्राप्त होने वाले मुआवजे की राशि का इंतज़ार व कहीं और आशियाने और व्यवसाय करने की तलाश करने लगे।
लेकिन अब दो वर्ष से ज्यादे होने के बावजूद भी सभी रैयतों को निराशा हाथ लगी और विभागीय अधिकारी एक दूसरे के ऊपर टाल मटोल करते दिख रहे हैं।
वाद दायर करने वाले रैयतों में से बिनोद कुमार गुप्ता, नन्द कुमार जायसवाल, राजकुमार चाँद, जय शंकर साह, जगदीश प्रधान, घनश्याम लाल माधोगाडिया, महेन्द्र प्रसाद गुप्ता सहित अठारहों रैयत ने बताया कि कुल संशोधन मुआवजे की राशि करीब एक करोड़ साढ़े तेईस लाख रुपए का भुगतान होना अंधेरे सा लग रहा है।
सभी ने बताया कि हमलोग पिछले बारह वर्षों से उचित मुआवजे के लिए दर- दर भटकते हुए, अंततः उच्च न्यायालय की शरण लिया और न्यायालय के फैसले ने हमारी उम्मीद को जगाया भी, लेकिन भू अर्जन विभाग के टाल मटोल के कारण अब जल्द ही हमलोगों के द्वारा आन्दोलन की तैयारी की जा रही है।