भारतरत्न बाबा साहब का विचार आज भी प्रासंगिक: नरेश
सुपौल/छातापुर: आशीष कुमार सिंह
भारत रत्न बाबा साहब का विचार आज भी प्रासंगिक: नरेश
बिहार/सुपौल: छातापुर प्रखंड के माॅडल प्राथमिक विद्यालय केवला में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई गई। विद्यालय के प्रधानाध्यापक अमित कुमार की अगुवाई में शिक्षकों, छात्र-छात्राओं ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
प्रधानाध्यापक श्री कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर का भारत के लोकतंत्र में योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का जीवन काफी संघर्षरत रहा।शिक्षक नरेश कुमार निराला ने बाबा साहब को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके पदचिन्ह पर चलने की बात दोहराई। श्री निराला ने कहा कि बाबा साहब का विचार आज भी प्रासंगिक है।
बाबा साहब ने कमजोर और पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए पूरा जीवन संघर्ष किया। श्री निराला ने कहा कि डाॅ अम्बेडकर सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत और समतामूलक समाज के निर्माणकर्ता थे। डॉ अम्बेडकर समाज के कमजोर, मजदूर, महिलाओं आदि को शिक्षा के जरिए सशक्त बनाना चाहते थे। बाबा साहब का जन्म 14 अप्रैल 1891 ई को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव महू में हुआ था। बाबा साहब बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे और बुद्धिमान थे। उन्होंने जात-पात की जंजीर तोड़ अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
यही वजह है कि वह दलित समुदाय को समान अधिकार दिलाने के लिए कार्य करते रहे। उन्हें संविधान समिति के अध्यक्ष भी बनाया गया था।आजादी के बाद बाबा साहब को भारत का कानून मंत्री भी बनाया गया था।बाबा साहब का निधन 6 दिसम्बर, 1956 को हो गया था। डॉ अम्बेडकर दो बार राज्य सभा के लिए भी चूने गये थे।
मौके पर शिक्षक निरंजन कुमार, फूल कुमारी, मोहम्मद अमजद अहमद, मोहम्मद अरबाज आलम, बाबूनंद पासवान, उर्मिला देवी, सविता कुमारी,पल्लवी कुमारी, किरण कुमारी, प्रिंस कुमार, राजा चौपाल, शिवम कुमार, अंशु कुमारी आदि उपस्थित थे।