ढोली गांव के किसानों को दिया गया बीज उत्पादन का प्रशिक्षण !

सुपौल/सरायगढ़: विमल भारती

 

ढोली गांव के किसानों को दिया गया बीज उत्पादन का प्रशिक्षण !

 

बिहार/सुपौल: सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के राजस्व गांव ढ़ोली के एक सौ से अधिक किसानों को गुरुवार के दिन सरकार के हरी चादर योजना के तहत बीज उत्पादन सहित खेती के अन्य तरीकों के बारे में विस्तृत रूप से प्रशिक्षण दिया गया। बीज ग्राम प्रशिक्षण के तहत कृषि समन्वयक विवेकानंद, अनुज कुमार तथा समरेंद्र कुमार ने प्रशिक्षण दिया।

कृषि समन्वयक विवेकानंद ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा राजस्व ग्राम ढोली बीज ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में शामिल 1 सौ से अधिक किसानो को पहले गेहूं का बीज दिया गया था। अब सभी किसानों को मूंग का बीज दिया गया है। किसानों द्वारा उत्पादित बीज दूसरे गांव भेजे जा सकते हैं।

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कृषि समन्वयक विवेकानंद ने कहा कोसी के इलाके में बाढ़ के समय पानी के साथ गाद पहुंचता है। गाद फसल के लिए काफी फायदेमंद होता है। उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए ढ़ोली गांव को बीज ग्राम बनाया गया। कृषि समन्वयक ने कहा कि किसान आधुनिक तकनीक से खेती करें तो काफी लाभ होता है। जो- जो किसान नए तकनीक के आधार पर खेती कर रहे हैं वह काफी प्रगति कर रहे हैं। समन्वयक ने कोसी के किसानों से कहा कि वह अपने मिट्टी से भरपूर फायदा लेने का काम करें। सरकार से अनुदानित दर पर बीज लें और उसे अधिक से अधिक फसल उपजाने का काम करें।

स्थानीय मुखिया सरस्वती देवी के अध्यक्षता तथा पूर्व मुखिया सुरेश प्रसाद सिंह और किसान सलाहकार श्याम कुमार भारती की उपस्थिति में आयोजित प्रशिक्षण में कृषि समन्वयक अनुज कुमार तथा समरेंद्र कुमार ने किसानों को कई महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया। दोनों कृषि समन्वयक ने कहा कि अब हालात बहुत बदल चुका है। इंटरनेट की दुनिया में किसान घर बैठे दूर-दूर के किसानों द्वारा किए जा रहे खेती को देख रहे हैं।

कृषि समन्वयक ने कहा कि इसके बावजूद कोसी के इलाके में कई किसान पुराने तरीके से खेती कर रहे हैं और इसमें उन सबों को भारी नुकसान भी हो रहा है। कहा कि हम नए तकनीक से अधिक से अधिक पैदावार ले सकते हैं और फिर बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। खेती को व्यापार के रूप में देखें तो बेहतर होगा। कृषि समन्वयक ने कहा कि कोसी के मिट्टी में कई जगह पर तरह-तरह के फसल हुआ करते हैं। हम समय और परिस्थिति देखकर खेती करें तो कहीं से नुकसान नहीं होगा। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को पटसन सहित अन्य खेती के बारे में भी गहन जानकारी दी गई। करीब 4 घंटे के प्रशिक्षण में किसान सलाहकार श्याम कुमार भारती ने भी अपने बातों को रखा।

प्रशिक्षण का अंत में मुखिया सरस्वती देवी ने कहा कि बीज ग्राम के रूप में ढ़ोली गांव चयनित हुआ है यह खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि गांव के किसान कृषि विभाग के सहयोग से नए तकनीक से खेती शुरू करेंगे। इसमें उनके स्तर से भी सहयोग किया जाएगा। प्रशिक्षण में किसान सिंहेश्वर सिंह, अश्विनी कुमार, राजेंद्र राम, मुसहरू सरदार, सत्यनारायण राम, विजय कुमार सिंह, कैलू मेहता, छुतहरु सिंह, सुबोध मेहता सहित कुछ अन्य किसानों ने अपने-अपने विचारों को रखते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा उनके गांव को बीजग्राम घोषित करने पर खुशी का इजहार किया। किसानों ने कहा कि वह सब नई तकनीक से खेती करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सुझाए गए तरीके को अमल में लाएंगे।

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