दो पक्षों के जमीनी विवाद में तीन घर जला, आधा दर्जन लोग जख्मी , थानाध्यक्ष को बनाया बंधक !

डेस्क

दो पक्षों के जमीनी विवाद में तीन घर जला, आधा दर्जन लोग जख्मी , थानाध्यक्ष को बनाया बंधक !

बिहार/सुपौल: छातापुर मुख्यालय पंचायत के वार्ड नं 2 स्थित रजवाडा गांव में गैरमजरूआ खास जमीन पर बने रास्ता को एक पक्ष के लोगों द्वारा बंद कर दिए जाने से उपजे विवाद ने शनिवार को हिंसक रूप अख्तियार कर लिया।

इस द्विपक्षीय भूमि विवाद में दोनों पक्ष के लोगों के बीच जमकर मारपीट हुई ।घटना में तीन आवासीय घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया।

वहीं दोनों पक्ष के आधा दर्जन से अधिक लोग इस मारपीट में जख्मी हो गए।जख्मी चार लोगों को उपचार के लिए पीएचसी छातापुर मे भर्ती कराया गया है।

घटना को लेकर कई घंटों तक पावर सब ग्रिड के आसपास का इलाका रणक्षेत्र बना रहा।दोनों ही पक्ष से दर्जनों की तादाद में स्त्री पुरुष व नाबालिग बच्चे हाथ मे लाठी व अन्य हथियार लिए एक दूसरे से भिड़ते नजर आए।

घटना में कुछ लोगों द्वारा रोड़ेबाजी भी की गई, जिससे कई राहगीरों को चोटें भी आईं।

आगजनी की सूचना के बाद छातापुर, भीमपुर व त्रिवेणीगंज से दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबु पाने का प्रयास शुरू किया गया।

परंतु तब तक मो रहीम, मो सुलेमान और मो एजाज के आवासीय घर सहित उनके घर की सभी कीमती सामग्री जलकर खाक हो चुकी थी।

मारपीट में 55 वर्षीय मो उसमान, 50 वर्षीय मो सुलेमान, 30 वर्षीय मो कयामुल व 19 वर्षीय अबु तलहा गंभीर रूप से जख्मी बताए जा रहे हैं।

बताया जाता है कि सड़क किनारे की गैरमजरूआ खास की जमीन पर दखल कब्जा को लेकर मो रहमान और मो निजाम के बीच पूर्व से विवाद चल रहा था।

उक्त जमीन पर पूर्व से ही मो रहमान और उसके भाइयों का घर बना हुआ है।मो निजाम ने जमीन पर दावेदारी जताते हुए तीन माह पूर्व मो रहमान के घर से निकलने वाले मुख्य रास्ते को बंद कर दिया था। जिस कारण दोनों पक्षों में तनाव काफी बढ़ गया।

यह मामला जनता दरबार में भी चल रहा है, जहां से निष्पक्ष और उचित निर्णय नहीं हो पाने के कारण विवाद ने शनिवार को उग्र रूप ले लिया।

इधर घटना के कई घंटे बाद मौके पर पहुंचे छातापुर थानाध्यक्ष अभिषेक अंजन को भी आक्रोशित लोगों ने तकरीबन एक घंटे तक घेरे रखा। इस दौरान थानाध्यक्ष को भी आक्रोशित लोगों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा।

एक पक्ष के लोगों का आरोप था कि पुलिस दूसरे पक्ष के प्रभाव में काम कर रही है। लिहाजा पहले तो पुलिस की सांठ-गांठ से आरोपी पक्ष ने उनलोगों के मुख्य रास्ते की घेराबंदी कर दी वहीं घटना की सूचना के बावजूद कई घंटे तक पुलिस घटना स्थल पर नहीं पहुंची।

पुलिस यदि समय पर पहुंचती तो संभवतः मारपीट की घटना इतनी हिंसक न होती। आक्रोशित लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए करीब घंटे भर के लिए एस एच 91को जाम कर आवागमन भी बाधित कर दिया।

जाम की वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिसके बाद पुलिस ने दोषियों के विरूद्ध समुचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया और स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोगों के सहयोग से आवागमन बहाल करवाया।

कहते हैं अंचलाधिकारी

अंचलाधिकारी सुमित कुमार सिंह ने बताया कि वे घटना स्थल पर गये थे जहां स्थिति नियंत्रण में है, पीडीत पक्ष के आवेदन पर आरोपियों के विरूद्ध प्राथमीकि दर्ज की जा रही है, वहीं रास्ता विवाद को खत्म करने के लिए अंचल अमीन को दो दिनों के अंदर पुलिस बल के साथ स्थल पर भेजकर मापी करवाई जाएगी।

कहते हैं एसडीपीओ

त्रिवेणीगंज एसडीपीओ गणपति ठाकुर ने पूछने पर बताया कि सूचना के बावजूद स्थल पर थानाध्यक्ष के विलंब से पहुंचने के आरोप को गंभीरता से लिया गया है, थानाध्यक्ष पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है, दोषी पाये जाने पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

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