जिले में वर्षो से जमें पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी 1 जनवरी से होंगे विरमित !

सुपौल: अभिषेक कुमार

जिले में वर्षो से जमें पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी 1 जनवरी से होंगे विरमित !

डीजीपी ने बिहार ने सभी एसपी को दिया आदेश

-आरटीआई से मामले का हुआ खुलासा, स्थानांतरण के बाबजूद सहरसा में 39 तो मधेपुरा में जमें है 30 पुलिसकर्मी  !

-इंसपेक्टर से लेकर सिपाही स्तर के है पुलिसकर्मी !

-भ्रष्टाचार मुक्त जागरुकता अभियान ने मुख्यमंत्री सहित डीजीपी से कि थी शिकायत!

-जनवरी के वेतन अब मिलेगा नये स्थान पर !

-10 दिनों के भीतर मांगा अनुपालन प्रतिवेदन !

बिहार/सुपौल: बिहार में ट्रांसफर के बावजूद सालों से जमे सैकङो पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मीयों पर अब कार्रवाई शुरु हो गयी है।

पैरवी के बल पर सालों से जमे सभी पुलिसकर्मियों को नये साल के प्रथम दिन ही डीजीपी ने विरमन करने का आदेश बिहार के सभी एसपी सहित वरीय पदाधिकारीयों को दिया है।

वहीं विरमन के बाद ही जनवरी का वेतन इन्हे नये पदस्थापित जगह से मिलेगा।

दरअसल भ्रष्टाचार मुक्त जागरुकता अभियान के अनिल कुमार सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत इस मामलें का खुलासा किया । जिसके बाद डीजीपी सहित बिहार के तमाम वरीय पदाधिकारी को पत्र लिखकर वर्षो से जमे पुलिस पदाधिकारियों को को विरमित करने सहित दोषी पर कार्रावाई करने का अनुरोध किया था।

इस पत्र के आलोक में बिहार के डीजीपी ने 31 दिसंबर को कार्यालय आदेश जारी करते हुए 10 दिनों के भीतर सभी एसपी से अनुपालन प्रतिवेदन की मांग की है।

वहीं योगदान नहीं करने वाले के विरुद्ध आदेश उल्लंघन मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला
भ्रष्टाचार मुक्त जागरुकता अभियान के आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल कुमार सिंह द्वारा सहरसा, सुपौल औऱ मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक से सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगा गया था, कि सिपाही से लेकर इंसपेक्टर स्तर के अधिकारी जो स्थानांतरण होने के बाद भी विरमीत नहीं होकर यहीं जमें हुए है।

जिसके बाद तीन जिले के एसपी ने निर्धारित समय पर श्री सिंह को सूचना उपलब्ध नही कराया।

जिसके बाद आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल कुमार सिंह ने प्रथम अपील के तहत कोशी रेंज के डीआईजी के समक्ष अपील दायर कर सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।

डीआईजी ने तीनों जिले के एसपी को पत्र लिखकर श्री सिंह को सूचना उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया।
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सहरसा में 39 पुलिस कर्मी स्थानांतरण के बाद है जमे है

पुलिस उपमहानिरिक्षक कोशी क्षेत्र सहरसा के ज्ञपांक 1823 गो.दिनांक 6 अक्टूबर 2020 के आलोक में पुलिस अधिक्षक सहरसा ने अपने ज्ञपांक 274 -12 नवंबर 2020 के द्वारा जो सूचना अनिल कुमार सिंह को उपलब्ध कराया है। उसके अनुसार सहरसा में 39 पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मीयों के नाम शामिल है। जो स्थानांतरण के बावजूद पिछले कई वर्षो से सहरसा में ही जमे है। जिसमें पुलिस इंसपेक्टर ,सब इंसपेक्टर और सिपाही स्तर के पुलिस कर्मी शामिल है। इन पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांनतरण राज्य के विभिन्न जिलों में किया गया है।
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मधेपुरा में भी 30 पुलिसकर्मी स्थानांतरण के बाद जमें है

पुलिस उपमहानिरिक्षक कोसी क्षेत्र सहरसा के ज्ञपांक 1822 गो.दिनांक 6 अक्टूबर 2020 के आलोक में पुलिस अधिक्षक मधेपुरा ने अपने ज्ञपांक 2178 -7 दिसंबर 2020 के द्वारा जो सूचना अनिल कुमार सिंह को उपलब्ध कराया है उसके अनुसार मधेपुरा में कुल 30 पुलिस पदाधिकारी और कर्मी सरकार के ट्रांसफर के आदेश को कुङे में फेकते हुए सालों से जमे है।
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सुपौल एसपी ने इस बाबत सूचना देने से किया इंकार

लोकसूचना पदाधिकारी सह पुलिस अधिक्षक सुपौल ने अपने कार्यालय ज्ञापांक 127 दिनांक 28 सितंबर 2020 को अनिल कुमार सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि उनके द्वारा मांगी गयी सूचना लोक अधिकार अधिनियम 05 की धारा 8 के तहत देय नही है।
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Anil singh

भ्रष्टाचार मुक्त जागरुकता अभियान की क्या है शिकायत

भ्रष्टाचार मुक्त जागरुकता अभियान के अनिल कुमार सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री ,पुलिस महानिदेशक सहित सभी वरिय पदाधिकारीयों को पत्र लिखकर बिहार सरकार के आदेश की जमीनी हकीकत बताते हुए एवं पुलिस की कार्यशैली का अदभुत नमुना बताते हुए शपथ पत्र के साथ शिकायत की थी और अनुरोध किया था कि वर्षो से स्थांनांतरित पुलिस पदाधिकारी और कर्मी को पदस्थापित जगह पर योगदान करने हेतू विरमित का आदेश देते हुए दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
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क्या है बिहार के डीजीपी का आदेश
बिहार के पुलिस महानिदेशक ने आदेश ज्ञपांक 1912 दिनांक 31 दिसंबर 2020 को जारी करते हुए कहा है कि बिना किसी स्थगन आदेश के जो स्थानांतरित पदाधिकारी व कर्मी पूर्व पदस्थापन पर बने हुए उन्हें 1 जनवरी 2021 के प्रभाव से निश्चित रूप से विरमित कर दिया जाय। ऐसे कर्मियों का जनवरी 2021 का वेतन भुगतान उनके नव पदस्थापित जिले से होगा।

विरमन के पश्चात यदि सबंधित पुलिस कर्मी अपने नये पदस्थापित जिले में योगदान नहीं करते है तो वे अनुशासनिक कार्रवाई के भागी होंगे।

डीजीपी ने बिहार के सभी एसपी और वरिय पदाधिकारी को लिखे पत्र में ये भी कहा है कि यदि नियंत्री पदाधिकारी के द्वारा इन्हे ससमय विरमित नही किया जाता है और जनवरी 2021 का वेतन भुगतान उसी जिला ईकाई किया जाता है तो संबंधित नियंत्री पदाधिकारी का आदेश उल्लंधन माना जायेगा।

तदनुसार उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी राज्य के सभी पुलिस अधिक्षक एवं कार्यालय प्रधान को 10 दिनों के अंदर निदेशों का अक्षरसह पालन करते हुए कृत कार्रवाई से पुलिस मुख्यालय को अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।

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