किसान जागरूकता मेला में सांसद, विधायक सहित पूरी कृषि टीम किसानों के लिए तैयार दिखी !

सुपौल/सिमराही: विकास आनंद

किसान जागरूकता मेला में सांसद, विधायक सहित पूरी कृषि टीम किसानों के लिए तैयार दिखी !

 

बिहार/सुपौल: जिले में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र अर्थात कृषि विज्ञान केंद्र ,राघोपुर द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत किसानों के जागरूकता सह मौजूदा व आगामी फसलों के जानकारी हेतु किसान मेला का आयोजन किया गया। इस अभियान में किसान भागीदारी को प्राथमिकता के ख्याल से ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र, राघोपुर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि सुपौल लोकसभा क्षेत्र के सांसद दिलेश्वर कामत, निर्मली विधानसभा के विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, सुपौल जिला कृषि पदाधिकारी समीर कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता कमल प्रसाद यादव, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान प्रमोद कुमार चौधरी के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

कार्यक्रम में शस्य वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार, कार्यक्रम सहायक सुमन कुमार, स्टेनोग्राफर श्री जेके पासवान एवं मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, सहरसा के रावे विद्यार्थी और जिले के लगभग 400 से 500 किसानों की उपस्थिति देखी गई।

के वी के राघोपुर के वरीय वैज्ञानिक प्रमोद चौधरी ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण के माध्यम से किसान भाइयों में जागरूकता फैलाना है और यही कृषि विज्ञान केंद्र की कार्यशैली है। जिसमें किसान प्रशिक्षित वैज्ञानिक तकनीकी के सहायता से अपना फसल का उत्पादन बढ़ा सकते है।

इस कार्यक्रम में नई-नई तकनीकी की विस्तृत जानकारी दी गई जैसे रोटावेटर, लैंड लेवलर यंत्र, मारुति हाईटेक नर्सरी, मशरूम उत्पादन कर्ता ,भारत मधु एवं परंपरागत कृषि विकास योजना जिसमें जैविक खेती का प्रत्येक्षण को दिखाया गया। नई तकनीकी यंत्रों को लेकर एक प्रदर्शनी भी लगाया गया। प्राकृतिक खेती के बारे में बताया गया कि इसके 3 घटक है जैसे बीजामृत, जीवामृत और घनमृत् निर्माण तथा प्रयोग के द्वारा रसायन मुक्त खेती को प्रोत्साहित करना ,रसायन के दुष्प्रभाव को कम करना और किसान की लागत को कम करते हुए आमदनी को बढ़ाना है।

जीवामृत के निर्माण के लिए 10 किलोग्राम देसी गाय का गोबर, मूत्र ,1 से 2 किलोग्राम दाल का आटा, 1से 2 किलोग्राम गुड़ को 200 लीटर पानी में घोलकर 3 दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है तदोपरांत खड़ी फसल में 200 लीटर तैयार जीवामृत सिंचाई जल के साथ फसल में डाला जाता है। जैसे ये सब तकनीकी के बारे में जानकारी इस कार्यक्रम के द्वारा किसान भाइयों को दी गई जिसमें किसान बंधुओ ने बहुत लाभान्वित महसूस किये।

किसान जागरूकता मेला में विभिन्न कृषि उत्पाद कंपनियों के प्रतिनिधि द्वारा स्टाल लगाकर किसानों को नई तकनीक के कीटनाशक, फुफन्दनाशक, खरपतवारनाशक सहित माइक्रोन्यूट्रिएंट्स उर्वरक की जानकारी दी गई।

किसान मेला में लगे स्टाल में मुख्य रूप से माइक्रोन्यूट्रिएंट्स कम्पनी एरीज एग्रो लिमिटेड, पेस्टीसाइड कम्पनी ठाकर केमिकल्स लिमिटेड, सुमिटोमो केमिकल्स, साई क्रॉप साइंसेज, बीज कम्पनी जे के सीड्स का स्टाल आकर्षण का केन्द्र रहा। मौके पर मैनेज देसी कृषि डिप्लोमा प्रशिक्षणधारी उर्वरक बिक्रेताओ की टोली भी मौजूद थे।

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