लॉकडाउन में मनरेगा योजना बना संजीवनी, लोगों को मिला जीने का सहारा !

डेस्क

लॉकडाउन में मनरेगा योजना बना संजीवनी, लोगों को मिला जीने का सहारा !

बिहार/सुपौल: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बिहार में कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन लगाया गया है ताकि कोरोना के चेन को तोड़ा जा सके। वहीं मजदूरों की स्थिति को देखते हुए बिहार सरकार ने देहारी मजदूरों को रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना पर भरोसा जताया जिस भरोसे की जिम्मेदारी को मनरेगा विभाग ने निर्वहन करना शुरू कर दिया है।

ग्रामीण स्तर पर मनरेगा योजना से काम शुरू होने के बाद मजदूरों में खुशी देखने को मिल रहा है क्योंकि मनरेगा योजना के तहत लोगों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी कड़ी में सुपौल सदर प्रखण्ड के ग्राम पंचायत चैनसिहपट्टी के मुखिया कंचन कुमारी के द्वारा मनरेगा योजना से काम शुरू करवा कर मजदूरों को रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है।मुखिया कंचन कुमारी ने बताई की सरकारी बालम पोखर के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। इस काम को पूर्ण करने के लिए 200 मजूदर काम कर रहे है ।

वहीं मुखिया ने ये भी बताई कि कोरोना महामारी के मद्देनजर काम को फिजिकल डिस्टेंसिग के साथ पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कही कि काम कर रहे मजदूरों के लिए मास्क ,सैनिटाइजर एवं पीने का पानी भी मुहैया करवाया गया है।

वही मजदूरों ने कहा कि मनरेगा योजना हम लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है।वही रोजगार सेवक ईश्वर दयाल चौधरी ने बताया कि पोखर निर्माण के बाद लोगो को काफी सुविधा मिलेंगी।

सुपौल सदर कार्यक्रम पदाधिकारी भोला दास ने बताया कि विभागीय आदेशानुसार कोरोना काल में सरकार द्वारा जारी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश पंचायत में मनरेगा योजना से काम चालू कर मजदूरों को रोजगार मुहैया करया जा रहा है ताकि मजदूरों को कोई समस्या ना हो।

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