प्रशासन ने दूध दुकान का सील 14 दिनों से जारी रखा, नगर के व्यापारियों में नाराजगी !

सुपौल/राघोपुर: विकास आनंद

प्रशासन ने दूध दुकान का सील 14 दिनों से जारी रखा, नगर के व्यापारियों में नाराजगी !

★मिठाई दुकान और ज्वेलर्स दुकान का सील खोलना ज्यादे जरूरी समझा प्रशासन ने !

★प्रशासन के इस रवैया से सिमराही नगर के व्यपारियो में नाराजगी !

 

बिहार/सुपौल: पिछले माह 27 अप्रैल को अनुमंडल पदाधिकारी बीरपुर ने औचक निरक्षण में सिमराही बाजार में काजल मिल्क पार्लर नामक दूध बिक्री प्रतिष्ठान पर विक्रेता बिनोद राउत को बिना मास्क पहने देख दूध दुकान को सील कर दिया गया था। दूध बिक्रेता बिनोद राउत ने काफी आरजू विनती कर एसडीओ बीरपुर को कहा कि डायबिटिक मरीज हूँ और अभी तुरन्त ही घर से खाना खाकर आया हूँ, इसलिए राहत की साँस लेने के लिए मास्क उतारकर दुकान पर रखा हूँ। फिर भी पदाधिकारी ने दूध बिक्रेता की बात को अनसुना कर दुकान को सील कर दिया।

सील होने के तीन दिनों के बाद दूध बिक्रेता ने जिलाधिकारी सुपौल को ईमेल आवेदन किया फिर दो दिनों के बाद आवेदन की मूल प्रति लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में जमा किया और एक आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी बीरपुर को भी दिया। फिर भी आज सील हुए 14 दिन होने पर भी कोई सुनवाई नही हुई है।

जबकि 26 अप्रैल को सिमराही बाजार के ही मिठाई दुकान और ज्वेलरी दुकान को तय समय के बाद भी दुकान खोल लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में सील किया गया था। इन दोनों दुकानों को अनुमंडल पदाधिकारी बीरपुर ने सिर्फ 4 दिनों में जिलाधिकारी को अनुशंसा कर आदेश प्राप्त कर सीलमुक्त कर दिया गया था।

सवाल ये है कि दूध ज्यादे आवश्यक वस्तु है या मिठाई और ज्वैलरी? सारी जानकारी के बावजूद भी प्रशासनिक स्तर से इस प्रकार के भेदभाव के बाद सिमराही के व्यवसियों में काफी नाराजगी है। सिमराही व्यपार संघ के अध्यक्ष ललित चौधरी और पूर्व मुखिया बैद्यनाथ भगत ने कहा कि सिमराही के व्यपारियो ने हमेशा ही प्रशासन का सहयोग किया है लेकिन आवश्यक वस्तु दूध के बिक्रेता के द्वारा चंद मिनट के लिए मास्क नही लगाने के कारण प्रशासन ने एक तो दुकान सील किया दूसरा 14 दिन बीत जाने के बावजूद भी अन्य दुकानों के सील को खोल दिया गया और दूध दुकान के सील को बरकरार रखा है।

ये कही से भी उचित नहीं है। वही दूध बिक्रेता बिनोद राउत का कहना है कि पिछले 14 दिनों से जिला,अनुमंडल और प्रखण्ड कार्यालय का चक्कर लगा कर तबियत भी गड़बड़ हो गई है। दुकान सील होने के कारण अंदर रखा हजारों रुपये का डेयरी उत्पाद भी खराब हो गया होगा। 14 दिनों से दुकान सील होने से बिक्रेता के पुत्र विवेक और भतीजा दीपक राउत ने कहा कि हमारी आर्थिक हालात ठीक नही है, घर का गुजारा भी दूध दुकान पर निर्भर है और अब भुखमरी की समस्या भी सताने लगी है।

कहते हैं अनुमंडल पदाधिकारी

बीरपुर एसडीओ कुमार सतेंद्र इस मामले में कहते हैं की प्रार्थी का आवेदन मुझे 05 मई को प्राप्त हुआ, जिसे मेरे द्वारा अनुशंसा कर जिलाधिकारी को भेज दिया गया है। मैं खुद जिलाधिकारी से बात कर सीलमुक्त का आदेश के लिए अनुरोध करूंगा।

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