सार्वजनिक शौचालय निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग पर महादलित वर्ग के लोगों में आक्रोश !

सुपौल: अभिषेक कुमार झा

सार्वजनिक शौचालय निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग पर महादलित वर्ग के लोगों में आक्रोश

कनीय अभियंता ने कहा रोक के बावजूद अभिकर्ता कर रहे काम

प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा धांधली के खिलाफ होगी कार्यवाही

 

बिहार/सुपौल: सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड में
महादलित वर्ग के लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए बनाए जा रहे सार्वजनिक शौचालय में सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के झिल्ला डुमरी पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 6 विशनपुर में कार्य के अभिकर्ता द्वारा खुलेआम धांधली किए जाने का मामला सामने आया है।

अभिकर्ता द्वारा जिले के मॉडल एस्टीमेट के आधार पर तीन लाख रुपए की लागत से बनाए जाने वाले सार्वजनिक शौचालय मे घटिया ईट कोशी नदी का बालू तथा कम गुणवत्ता वाले सीमेंट पर महादलित लोगों के शिकायत पर संवाददाता ने स्थल का ऑन द स्पॉट मुआयना किया।

मुआयना के क्रम में देखा गया कि कार्यस्थल पर कोशी नदी तथा दूसरे अन्य जगह का लोकल बालू जिसका गुणवत्ता काफी कम हुआ करता है का उपयोग हो रहा था।

शौचालय निर्माण में जिस निम्न तबके के ईट का प्रयोग किया जा रहा था वैसे ईट का प्रयोग इतने बड़े मॉडल एस्टीमेट के शौचालय में करना अपने आप में बड़ा सवाल है।

कार्य स्थल पर मौजूद मिस्त्री तथा मजदूर ने कहा कि स्थानीय मुखिया पति द्वारा कार्य कराया जा रहा है और कार्य के अभिकर्ता पंचायत सचिव वहां कभी नहीं आते हैं।

यह पूछे जाने पर कि बिशनपुर महादलित बस्ती में तीन लाख की लागत से बन रहे शौचालय में लोकल बालू तथा घटिया सीमेंट के प्रयोग से आने वाले समय में खतरा का जिम्मेदार कौन होगा ?तो मिस्त्री और मजदूर ने बताया कि वह कार्य कराने वाले लोग जाने।

बिशनपुर महादलित बस्ती के कई महिला तथा पुरुषों का कहना था कि जब से काम शुरू हुआ तब से ही लोकल बालू तथा घटिया ईद का प्रयोग शुरु हो गया।

कनिय अभियंता राहुल कुमार को इसकी जानकारी दी गई तो वह कार्यस्थल पर आकर कार्य पर रोक लगा गए।

स्थानीय लोगों का कहना

लोगों ने कहा कि मुखिया पति ने कनीय अभियंता के समक्ष काम को रुकवा दिया लेकिन उनके जाते ही फिर काम शुरू हो गया।

महादलित बस्ती के लोगों का कहना था कि जिस तरीके से मॉडल एस्टीमेट के आधार पर सार्वजनिक शौचालय बनाया जा रहा है, वह भूकंप के एक ही झटके में धराशाई हो जाएगा और इससे उन सबों को भी खतरा हो सकता है।

लोगों ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए 1 लाख 20हजार राशि देती है और उसमें लोग घर बनाते हैं। लेकिन 3 लाख में जो शौचालय बन रहा है वह तीन माह भी नहीं टिकेगा ।

कार्यस्थल पर जारी धांधली तथा महादलित वर्ग के लोगों द्वारा उठाए गए सवाल को लेकर उसी स्थल से प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार से संपर्क किया।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक शौचालय निर्माण में अभिकर्ता द्वारा बरती जा रही धांधली की तत्काल जांच होगी।

कनिय अभियंता राहुल कुमार से पूछने पर बताया कि शौचालय निर्माण के दिन ही घटिया सामग्री से काम शुरू किया गया था। जिस पर रोक लगा दिया गया। कहा कि उनकी जानकारी में यह है कि कार्य अभी नहीं हो रहा है।

लेकिन काम कौन करा रहा है? यह सोचनीय बात है।

कनिया अभियंता ने कहा कि सार्वजनिक शौचालय में बढ़ती जा रही धांधली की जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी को दी जा चुकी है।

स्वच्छता अभियान के प्रखंड समन्वयक सीताराम ठाकुर ने कहा कि महादलित बस्ती बिशनपुर में स्वच्छता अभियान की राशि से सार्वजनिक शौचालय बन रहा है।

इसकी उन्हें आज ही जानकारी मिली है।

स्वच्छता अभियान के जिला समन्वयक ने पूछने पर बताया कि मॉडल एस्टीमेट के आधार पर महादलित बस्ती में बनाए जा रहे सार्वजनिक शौचालय में किसी भी प्रकार की धांधली बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी को जानकारी देते हुए जांच कर कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है।

यहां यह बता दें कि प्रखंड क्षेत्र में झिल्ला डुमरी एक ऐसा पंचायत है, जहां मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना नल जल योजना, सार्वजनिक शौचालय सहित अन्य कार्यों में बढ़ती बड़े पैमाने पर धांधली को लेकर बार-बार उच्च स्तरीय जांच की मांग उठने लगी है।

अब सवाल यह यह उठता है कि महादलित बस्ती में बनाए जा रहे सार्वजनिक शौचालय में बरती गई धांधली पर पदाधिकारी क्या करते हैं !

या फिर आपसी मिलीभगत कर पूरे मामले की लीपापोती कर देते हैं यह आने वाले समय में पता चल सकेगा।

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