पृथ्वी दिवस के अवसर पर शिक्षिका बबीता ने जगह-जगह लगाया वृक्ष !
सुपौल/सरायगढ़: विमल भारती
पृथ्वी दिवस के अवसर पर शिक्षिका बबीता ने जगह-जगह लगाया वृक्ष !
बिहार/सुपौल: सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के सरायगढ़ पंचायत के वार्ड नंबर 14 एनएच 327ए के किनारे शिक्षिका व समाज सेविका बबीता कुमारी ने 15 महोगनी, दो नीम, दो कटहल व दो लीची के पौधे लगाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के हेतु जागरूक किया ।
उन्होंने कहा कि वसुंधरा को बचाने एवं प्राणियों की रक्षा तथा ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से निजात पाने के लिए पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन जरूरी है ।उन्होंने कहा कि पेड़- पौधे से हम मुफ्त में ऑक्सीजन तो लेते हैं लेकिन हम पेड़ पौधे लगाने में और पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन में पीछे रह जाते हैं।
वर्तमान समय के कोरोनाकाल में पूरे देश में ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों की जान जा रही है। ऑक्सीजन का मानव जीवन के लिए कितना महत्व है यह बात तो सभी जानते हैं लेकिन पेड़- पौधा बहुत कम लोग ही लगाते हैं, जो चिंता का विषय बना हुआ है। इसके प्रति लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि पेड़ पौधे हमारे जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी साथ देते हैं, यानी जीवन काल में हमें ऑक्सीजन देते हैं और मरणोपरांत हमारे अंत्येष्टि संस्कार में भी काम आते हैं ।
इसीलिए कहा गया है कि कि पृथ्वी हमारी जननी है अब हमें इसकी रक्षा करनी है। इसी संकल्प के साथ सभी देशवासियों से अपील की है कि आप सभी अपने जन्मदिन, बच्चों के जन्मदिन, शादी व सालगिरह, महापुरुषों के जन्म दिन ,पर्यावरण दिवस ,पृथ्वी दिवस आदि पर पौधे लगाकर मानव जीवन को सफल बनाएं। गौरतलब है कि शिक्षिका बबीता कुमारी विगत 20 वर्षों से धरती को बचाने एवं पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन हेतु अपने जन्मदिन, बच्चों के जन्मदिन, महापुरुषों के जन्मदिन, शादी, सालगिरह एवं पृथ्वी दिवस, पर्यावरण दिवस आदि पर वृक्षारोपण कर हजारों की संख्या में वृक्षों को लगा चुकी है।
पृथ्वी दिवस पर शिक्षिका बबीता ने पढ़ी लिखी महिलाओं को भी आगे आकर अपने- अपने क्षेत्र में कम से कम एक- एक पौधे लगाने का अनुरोध की है। कई कार्यों को लेकर राज्य तथा देश स्तर पर ख्याति प्राप्त शिक्षिका बबीता कुमारी ने कही कि हमारा सामूहिक प्रयास ही केवल पर्यावरण को संतुलन बनाए रख सकता है। उन्होंने कहा कि हम लोगों का कर्तव्य है कि आने वाले पीढ़ी को एक बेहतर वातावरण बना कर दें।