समतामूलक एवं प्रगतिशील समाज की स्थापना के प्रबल पैरोकार थे डॉ लोहिया: ई निराला

डेस्क

समतामूलक एवं प्रगतिशील समाज की स्थापना के प्रबल पैरोकार थे डॉ लोहिया: ई निराला

समाजवादी चिंतक, समतामूलक एवं प्रगतिशील समाज की स्थापना के प्रबल पैरोकार थे डॉ लोहिया – ईं एल के निराला

बिहार/सुपौल: राष्ट्रीय युवा महासंघ के सौजन्य से मानगंज में प्रमुख समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया की 111 वी जयंती एवं शहीद भगत सिंह, राजगुरु सुखदेव को उनके शहादत दिवस पर याद किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ लोहिया के तेलिया चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय युवा महासंघ के अध्यक्ष इंजीनियर एलके निराला ने किया। ई एल के निराला ने बताया कि डॉ लोहिया 18 साल की उम्र में 1928 ई. में ब्रिटिश सरकार द्वारा गठित साइमन कमीशन के विरोध में प्रदर्शन किया। भारत छोड़ो आंदोलन में लोहिया ने अपनी परिपक्वता की पहचान दिए।

इस आंदोलन में जब गांधी जी और अन्य नेता को गिरफ्तार कर लिए गए तो डॉ लोहिया ने भूमिगत रहकर भारत छोड़ो आंदोलन को पूरे भारत तक फैलाया “जंग जू आगे बढ़ो क्रांति की तैयारी करो” आजाद राज कैसे बने पुस्तक लिखी। 20 मई 1944 को लोहिया जी को मुंबई से गिरफ्तार करके अंधेरी कोठरी में रखा गया। जहां 14 वर्ष पूर्व भगत सिंह को फांसी दी गई थी। आज का दिन भारतीयों के लिए डॉ लोहिया एवं 1931 ईस्वी में शहीद हुए राजगुरु, सुखदेव एवं शहीद भगत सिंह को याद करने का दिन है।

आज डॉ लोहिया एवं उन शहीदों के त्याग एवं लड़ाई के बल पर हम लोग स्वतंत्रता एवं समाजवाद की कल्पना कर रहे हैं। डॉ लोहिया कहा करते थे जब सड़क सुनसान हो जाती है तो संसद आवारा हो जाता है इसलिए किसानों को एक नजर अपने खेत पर तो दूसरी नजर संसद पर रखनी चाहिए। और वे कहा करते थे जिंदा कॉम 5 साल तक इंतजार नहीं करता है। भारत की आजादी के लिए आज ही के दिन हंसते- हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। जब- जब आजादी की बात होगी तब-तब इंकलाब का नारा देने वाले भारत माता के वीर सपूत याद किए जाते रहेंगे।

ब्रिटिश हुकूमत ने आज के ही दिन इन इन स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर लटका दिया था। इस दिन को हम युवा सशक्तिकरण दिवस के रूप में भी मनाते हैं और भारत के युवाओं को भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु एवं डॉ लोहिया से सीख लेकर सशक्त समाजवाद एवं ईमानदारी के बल पर भारत में एक विकल्प देने के लिए प्रयास करना चाहिए।

सचिव सिंटू कुमार मेहता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा राष्ट्रीय युवा महासंघ हमेशा से देश के लिए शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों एवं महापुरुषों के प्रति अपनी गहरी आस्था रखती है इसलिए इस दिन को हम लोगों ने शहीद दिवस एवं डॉक्टर लोहिया के सपनों को साकार करने के लिए उनके पंचायती राज एवं स्वाधीनता को जन- जन तक पहुंचाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किए हैं। हम लोग हमेशा डॉ लोहिया एवं क्रांतिकारी शहीदे आजम भगत सिंह के बताए गए कदमों पर चलकर जन सेवा जन कल्याण एवं जन आंदोलन के रास्ते जन जागृति का भी काम करेंगे।

कार्यक्रम का संचालन संजय यादव ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कोषाध्यक्ष सज्जन कुमार, मिथिलेश कुमार यादव, संजय यादव, भरत कुमार मेहता, कुंदन कुमार राम, चंदन राम, चंद्र किशोर राम, निकेश कुमार, संजीत कुमार, अजीत कुमार, नितीश कुमार, मनीष सौरव आदि उपस्थित रहे। राष्ट्रीय युवा महासंघ के सभी युवाओं ने एवं नए सदस्यों ने डॉक्टर लोहिया एवं भगत सिंह, राजगुरु सुखदेव के रास्ते पर चलने का संकल्प भी लिया।

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