तरंग किशोरावस्था शिक्षा को लेकर हुई ऑनलाइन चर्चा !

सुपौल/छातापुर: आशीष कुमार सिंह

तरंग किशोरावस्था शिक्षा को लेकर हुई ऑनलाइन चर्चा !

सुपौल/छातापुर: तरंग किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम के तहत बुधवार को जिले के विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों के छात्र- छात्राओं के बीच ऑनलाइन सत्र का आयोजन किया गया। इस वर्चुअल सम्मेलन में एससीईआरटी के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे स्थानीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुरपतगंज के शिक्षक आनंद भारती ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण बच्चों के शिक्षा पर व्यापक असर पड़ा है। इस कारणों को ध्यान में रखते हुए छात्र-छात्राओं को मनोवैज्ञानिक व सामाजिक परिवर्तन पर जागरूक किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि 10 से 19 वर्ष ये किशोरावस्था जीवन का तीव्र शारीरिक, मनेावैज्ञानिक एवं सामाजिक परिवर्तन का काल है। इस नाजुक अवधि में महत्वपूर्ण परिवर्तन होता है। उस दौरान किशोर-किशोरियों में अनेक समस्या व विशेष आवश्यकता को उत्पन्न करता है।

नोडल शिक्षक सुषमा प्रसाद एवं संगीता कुमारी ने कहा कि आज के परिचर्चा का विषय “वास्तविक जीवन के मूल्य एवं दुविधाएं” पर ऑनलाइन सत्र का आयोजन किया गया।जिसमें 22 छात्र-छात्राओं ने भागीदारी दी।उन्होंनें कहा कि जानकारी के अभाव में किशोरावस्था के विद्यार्थी इधर-उधर से भ्रामक तथा गलत जानकारियां प्राप्त कर लेते हैं, जिससे उनके व्यक्तित्व विकास पर गलत प्रभाव पड़ता है।शारीरिक तथा मानसिक विकास किशोरों में अनेकों समस्या उत्पन्न करता है, जिसके प्रति जिज्ञासा प्रबल होती है।

इससे संबंधित कोई प्रमाणिक पठनीय स्त्रोत नहीं मिल पाने के कारण छात्र शारीरिक व मानसिक बदलाव के संबंध में भ्रामक व गलत सूचना प्राप्त कर लेते हैं। इससे भविष्य में भारी नुकसान होता है। बच्चों के व्यक्तित्व तथा कौशल विकास में भी इनका बुरा प्रभाव पड़ता है। किशोर छात्र-छात्राओं को इस संबंध में वैज्ञानिक एवं तर्कसंगत जानकारी दिया जाना आवश्यक है।

सेंटर फाॅर कैटेलाइजिंग चेंज के संदीप कुमार ओझा के द्वारा वर्चुअल सत्र में जुड़े प्रतिभागियों का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन की वैज्ञानिक व तर्कसंगत जानकारी देकर उनमें जीवन कौशल का विकास किया जाएगा। ताकि उनमें स्वस्थ मनोवृति एवं सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्यों की सापेक्षता के अनुरूप उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवहार करने में क्षमता विकसित हो सके।

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