हर्षोल्लास माहौल में मनाया गया बिहार दिवस !

सुपौल/भीमपुर: सुमित जयसवाल

हर्षोल्लास माहौल में मनाया गया बिहार दिवस !

बिहार/सुपौल: छातापुर प्रखंड के सभी सरकारी व निजी संस्थानों में काफी हर्षोल्लास माहौल में बिहार दिवस मनाया गया। तीन दिनों तक चलने वाले इस उत्सव पर सरकारी व निजी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के द्वारा प्रभातफेरी निकाल कर गौरवशाली बिहार के लिए नारे लगाए गए। इस बार बिहार दिवस के थीम ‘युवा शक्ति बिहार की प्रगति’ का सराहना किया गया। इस बिहार दिवस पर बच्चों और बड़ों में काफी उत्साह देखा गया। प्रखंड के माॅडल प्राथमिक विद्यालय केवला, मध्य विद्यालय भीमपुर, मध्य विद्यालय जीवछपुर, मध्य विद्यालय मधुबनी पूर्वोत्तर में भी बिहार दिवस मनाया गया।

प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमपुर और माॅडल प्राथमिक विद्यालय केवला में असेंबली सभा का आयोजन किया गया। म. वि. भीमपुर के प्रधानाध्यापक बिपिन कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के स्वर्णिम इतिहास में बिहार का योगदान अतुलनीय है। महात्मा गाँधी ने बिहार के चम्पारण से ही सत्याग्रह की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा बिहार भगवान बुद्ध, महावीर, सम्राट अशोक, आर्यभट्ट, महर्षि बाल्मीकि, गुरू गोविन्द सिंह, वीर कुंवर सिंह आदि महापुरूषों की जन्म भूमि रही है।आदर्श प्राथमिक विद्यालय केवला के प्रधानाध्यापक अमित कुमार ने कहा कि भारत देश में बिहार राज्य को अधिक महत्व दिया जाता है क्योंकि देश के कई महापुरुष जैसे अशोक सम्राट, चंद्रगुप्त मौर्य ,समुद्रगुप्त ,राजा विक्रमादित्य आदि जिनका जन्म बिहार राज्य में हुआ था। बिहार राज्य में स्थित नालंदा और विक्रमशीला विश्वविद्यालय को सबसे प्राचीन और सबसे बड़े विश्वविद्यालय के तौर पर जाना जाता है।

शिक्षक नरेश कुमार निराला ने बिहार राज्य गीत ‘ मेरे भारत के कंठहार तूझे शत-शत वंदन बिहार’ गाया और बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार राज्य की मान्यता पौराणिक काल से चली आ रही है। वेद-पुराणों में उल्लेख गंगा नदी की धारा बिहार राज्य से भी बहती है। इस कारण यहां की विशेषता और बढ़ जाती है। भगवान महावीर, गौतम बुद्ध आदि ने बिहार राज्य के पावन भूमि पर अपने ज्ञान को प्राप्त किया था। श्री निराला ने कहा कि यदि हम इतिहास में लौटे तो अशोक और चंद्रगुप्त जैसे महा प्रतापी चक्रवर्ती सम्राट ने इस भूमि पर काफी वर्षों तक राज किया। अपने शौर्य पराक्रम से विदेशी आक्रमणकारियों को अपनी भूमि से काफी दूर रखा। आज भी जब बिहार राज्य की बात होती है तो बुद्धिमान लोगों की संख्या बिहार से निकलती है। मौके पर शिक्षक निरंजन कुमार, नरेश कुमार निराला, फूल कुमारी, अरविन्द कुमार यादव, मणिबोध कुमार सिंह, अरबाज आलम, अमजद अहमद, नीतू कुमारी, राम कुमार, अनुपम कुमारी, रंजू कुमारी, विभा कुमारी, चन्द्रकला सिन्हा, संजीव कुमार सिंह, विजेन्द्र कुमार, सुधीर कुमार, वीणा कुमारी, अनिल भगत आदि उपस्थित थे।

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