हर्षोल्लास के साथ मनाया दीपावली का त्यौहार !

abhishek kumar shingh

सुपौल/सिमराही: सुरेश कुमार सिंह

हर्षोल्लास के साथ मनाया दीपावली का त्यौहार !

दिवाली में घर के साथ साथ मन की सफाई करनी भी जरूरी: ब्रह्माकुमारी रंजू दिदी

बिहार/सुपौल: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विद्यालय सिमराही बाज़ार के तत्वाधान में स्थानीय ओम शांति केन्द्र पर दीपावली के उपलक्ष्य में भव्य स्नेह मिलन एवं आध्यात्मिक समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मां लक्ष्मी जी के चैतनीय झांकियों को भी पूजा किया। कार्यक्रम विधिवत रूपमे सीमावर्ती क्षेत्र प्रभारी रंजू दीदी ,अंचलाधिकारी प्रीति कुमारी ,दुर्गा मंदिर के अध्यक्ष राधेश्याम भगत, सेवा केंद्र प्रभारी बबीता दीदी, मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान से आए हुए शिवकुमार भाई जी, ब्रह्मा कुमार किशोर भाई जी इत्यादि होने संगठित रूप में दीप प्रज्वलन करके शुभारंभ किया।

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सभी प्रभु प्रेमियों को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी संस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रीय प्रभारी ब्रम्हाकुमारी रंजू दीदी ने अपने उदबोधन में कही कि दीपावली त्यौहार में हम सब जिस प्रकार घर की सफाई का ध्यान रखते हैं, उसी प्रकार अंतर्मन की सफाई भी जरूरी है। बाहर के अंधकार को तो मिट्टी के दीपक जलाकर दूर कर सकते हैं। किंतु अंतर्मन में छाए हुए अंधकार को दूर करने के लिए शुभ संकल्पों की दीप जलाने होंगे।

उन्होंने सभी को आह्वान करते हुए कहा कि आओ हम सभी मनुष्य सत्य परमात्मा के सत्य ज्ञान को ले कर अपने जीवन को पावन बनाएं ।अपने आत्म ज्योति जगाकर ईश्वरीय मिलन का वास्तविक सुख प्राप्त करें। ऐसे मानो परिवर्तन से ही पृथ्वी पर स्वर्ग आएगा। जहां श्री लक्ष्मी और श्री नारायन का राज्य होगा।

उन्होंने आगे कहा कि आत्मा ही सच्चा दीपक है विकारों के वशीभूत हो जाने के कारण आत्मा का प्रकाश आज मलिन हो गया है। लोगों का अंतर्मन में काम, क्रोध ,लोभ ,मोह ,अहंकार, आदि विकारों के अधीन हो गए हैं। ऐसे विकारी मनुष्यों के बीच से लक्ष्मी का शुभागमन भला कैसे हो सकता है ।यह कैसी विडंबना है, कि मन मंदिर की सफाई करने की वजह बाहर की सफाई से ही हम खुश हो जाते हैं। इस समय परमपिता परमात्मा जो कि जन्म- मरण के चक्र में न आने के कारण सदा ही जागती ज्योति है ,हम मनुष्य आत्माओं की ज्ञान और योग से ज्योति जगा कर पावन बना रहे हैं। दीपावली का त्यौहार परमात्मा के इन्हीं कर्मों का यादगार है ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंचलाधिकारी प्रीति कुमारी ने अपने उदबोधन में कहा कि हमेशा दूसरों के लिए अच्छा सोचें। सदैव शुभ सोचेंगे तो लाभ होना ही है ।इसलिए हमारी भारतीय संस्कृति में जब कोई नया कार्य शुरू करते हैं तो स्वस्तिका के साथ शुभ और लाभ लिखते हैं। क्योंकि शुभ के साथ लाभ जुड़ा हुआ हैं।

इसी प्रकार स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी बबीता दीदी ने अपने उदबोधन में कहीं दीपावली अर्थात जब आत्मा की ज्योत जग जाती है। दीपावली एक दूसरे को दुआएं देने का, पुराने बातें, पुराने खाते जो एक दूसरे के साथ अटके हुए थे। उन्हें समाप्त करके नए साल की, नए युग की शुरुआत का समय है।

दीपावली आने के कई दिन पहले से ही हम सब घर की सफाई शुरू कर देते हैं ।इसके साथ ही हमें मन की सफाई पर भी जोड़ देनी चाहिए।


उन्होंने कहा दीपावली सिर्फ बाहर मनाने का त्यौहार नहीं बल्कि अपने मन के अंदर मनाने का त्यौहार है। वो उनका संस्कार है, वो उनका नजरिया है, वह उनकी मन की स्थिति, वह उनकी मूड है ।हमसे भी कभी गलती हो जाती है तो हम खुद के प्रति बहुत आलोचनात्मक हो जाते हैं।अपनी ही गलतियों को अंदर दोहराते रहते हैं।गलती हो गई फिर कभी नहीं करेंगे, यह सोच बनानी है और आत्मा आलोचना के दाग को खत्म करना है। खुद के साथ समय बिताए और कोने कोने मैं जाकर हर पुराने दाग को खत्म करें तभी हमारी मन की दिवाली मनाने के लिए साफ होगा।

उक्त कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार किशोर भाईजी ने किया ।मौके पर अंचलाधिकारी प्रीति कुमारी, दुर्गा मंदिर के अध्यक्ष राधेश्याम भगत, दिलीप पूर्वे ,अभिनंदन दास, अविनाश चौधरी, कमलेश प्रधान ,गौतम प्रधान, सुशांत चौधरी, अमरजीत कुमार, बबीता दीदी, संगम बहन, मुद्रिका बहन ,रेनू बहन ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी, शिवकुमार भाईजी, ओम प्रकाश भाई, वीरेंद्र भाई ,सावित्री देवी ,जानकी देवी ,शारदा देवी ,हरि भाई, विष्णु भाई, सचिन भाई इत्यादि सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

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