खेती शुरू होते ही शुरू हो गई खाद की कालाबाज़ारी, खाद खरीदने के लिए अलग -अलग शर्ते !

abhishek kumar shingh

सुपौल/सिमराही: सुरेश कुमार सिंह

 

खेती शुरू होते ही शुरू हो गई खाद की कालाबाज़ारी, खाद खरीदने के लिए अलग -अलग शर्ते !

★जिले में डीएपी खाद अधिक दाम में बिक्री के लिए दुकानदारों ने किया है स्टॉक

★डीएपी के साथ अन्य उत्पाद लेने के शर्त पर मिल रहा खाद

 

बिहार/सुपौल: जिले के विभिन्न प्रखंडों में डीएपी खाद नही मिल रहा है। डीएपी के कृत्रिम के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है। किसान कहते हैं कि जब किसानों को खाद की जरूरत नहीं रहती तो जिला कृषि पदाधिकारी से लेकर वरीय अधिकारी तक कहते है कि किसानों को खाद की किसी तरह की समस्या नहीं होगी, खाद व बीज का पर्याप्त स्टॉक है।

Sai-new-1024x576
IMG-20211022-WA0002

 

लेकिन जैसे ही किसानों को फसल के लिए खाद की जरूरत होती है, तो कभी यूरिया तो कभी डीएपी की किल्लत हो जाती है। जिले से लेकर प्रखण्ड फिर पंचायत तक यही हाल है। किसानों को फिलहाल डीएपी खाद नहीं मिल रहा है। जबकि मक्का और आलू की बुवाई जोड़ो पर है। हफ्ते दिन में गेँहू बुवाई भी जोड़ो से शुरू हो जाएगी। किसान अपने खेत को तैयार करने के लिए डीएपी का इंतज़ार कर रहे हैं। जिले में जगह जगह डीएपी खाद व्यापारियों के द्वारा अधिक दाम में बेचने के लिए स्टॉक कर लिया गया है।

★डीएपी के लिए शर्ते और नियम:-

किसानों को दुकानदार उसी शर्त पर डीएपी बेच रहे हैं जिसमे किसानों को डीएपी खाद के साथ जिंक, बोरान, सल्फर, एनपीके और बीज ले रहे हैं। जिले के हर प्रखंडों में डीएपी कालाबाज़ारी का तकरीबन यही हालात है। कुछ खाद बिक्रेता किसानों को चोरी छिपे अधिक रेट पर डीएपी खाद बेच रहे हैं।

प्रतापगंज और छातापुर प्रखण्ड के किसानों का कहना है कि जैसे ही खेत मे खाद डालने का समय आता है वैसे ही आपूर्ति खत्म हो जाती है या तो खाद की कालाबाज़ारी शुरू हो जाती है, हर सीजन में किसानों की यही समस्या रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!