देशव्यापी बंद का मुख्यालय बाजार एवं सरकारी दफ्तरों में मिला-जूला असर देखा गया !
डेस्क
सुपौल/बिहार
छातापुर-केंद्र सरकार की नई श्रम नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आहवान पर गुरुवार को आहूत देशव्यापी बंद का मुख्यालय बाजार एवं सरकारी दफ्तरों में मिला जूला असर देखा गया। बंद के समर्थन में वामपंथी दलों के नेता व कार्यकर्ता सड़क पर उतरे । भाकपा अंचल परिषद के सचिव रघुनंदन पासवान के नेतृत्व में सडक पर निकले कार्यकर्ताओं ने माईकिंग कर बाजार बंद करने तथा वाहनों का परिचालन बंद रखने के लिए लोगों से अपील की।
सरकारी सभी वित्तीय संस्थानों में ताला लटका दिखा और डाकघर भी बंद रहे। जिसके कारण बैंकिंग सेवा एवं डाकघर के काम काज के लिए लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अंचल सचिव श्री पासवान ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर किसान और मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाया, कहा कि नोटबंदी, जीएसटी, श्रम कानुन में बदलाव, किसान विरोधी कानून, सरकारी संस्थाओं का निजीकरण आदि का निर्णय लेने से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गया, गलत नीतियों के कारण कमरतोड़ महंगाई, बेरोजगारी, आपराधिक घटनाओं में वृद्धि, भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी से आमलोग त्रस्त हैं।
बंद कार्यक्रम में जगदेव यादव, बाबुलाल उरांव, धर्मदेव यादव, सूर्यनारायण पासवान, शंकर कुमार पासवान, रूदल उरांव, उपेंद्र पासवान, बेचन सिंह, फुलेश्वर पासवान, बुचाय यादव, डा तस्लीम, रामप्रसाद सादा, रमेश कुमार राम आदि के नाम शामिल रहे।