टीम पीके के बेहद खास रहे सुपौल के निशांत ने बनाई खुद की कंपनी, बिहार में राजद तो असम में भाजपा के कई प्रत्याशियों को जिताया !
सुपौल: अभिषेक कुमार झा
टीम पीके के बेहद खास रहे सुपौल के निशांत ने बनाई खुद की कंपनी, बिहार में राजद तो असम में भाजपा के कई प्रत्याशियों को जिताया !
योग्य लोगों की और युवाओं की चुनावी राजनीति में सहभागिता सुनिश्चित करने की दिशा में कर रहे काम !
बिहार/सुपौल : 2019 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहे जाने वाले 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए पर्दे के पीछे काम कर रहे युवाओं की एक टीम ने तमाम राजनैतिक पंडितों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। इस टीम का नेतृत्व कर रहे थे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बेहद खास रहे निशांत कुमार।
बिहार के सुपौल में जन्मे निशांत ने अपनी 10वीं तक की शिक्षा सुपौल में ही पूरी की। 12वीं की पढ़ाई के साथ इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए निशांत रांची चले गए। निशांत ने उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर बतौर इंजीनियर अपने करियर की शुरुआत की। ओप्पो को एक ब्रांड के रूप में भारत स्थापित करने में भी निशांत ने अहम भूमिका निभाई।
कॉरपोरेट फील्ड में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके निशांत ने टीम पीके का हिस्सा बन इलेक्शन मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करना शुरू किया। निशांत 2019 लोकसभा चुनाव, हरियाणा विधानसभा चुनाव और दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए काम कर चुके है। टीम पीके के अलावा निशांत लीडटेक के लिए भी काम कर चुके हैं।
2019 में निशांत ने जनमत पॉलिटिकल कंसल्टिंग नाम की एक कंपनी बनाई और बिहार विधानसभा चुनाव में राजद के लिए काम करते हुए कई प्रत्याशियों को जिताने में अहम भूमिका निभाई। असम में भाजपा के लिए काम करते हुए निशांत एक बार फिर सफलता का परचम फहराने में कामयाब रहे।
चुनावी राजनीति में इलेक्शन मैनेजमेंट कंपनियों की बढ़ती विश्वसनीयता और राजनैतिक दलों की इस तरह की कंपनियों पर बढ़ती निर्भरता के पीछे के कारणों पर बात करते हुए निशांत ने इसका मुख्य कारण इलेक्शन मैनेजमेंट कंपनियों के पेशेवर नजरिये, काम करने के व्यवस्थित तरीके और चुनाव दर चुनाव मिल रही सफलता को बताया। वो कहते हैं 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत का एक मुख्य कारण इलेक्शन मैनेजमेंट कंपनियों के द्वारा की गयी मेहनत भी है। देखा जाए तो आज कल ज्यादातर राजनैतिक पार्टियां चुनाव से पहले किये जाने वाले रिसर्च वर्क, केम्पेन डिजाइन आदि के लिए इलेक्शन मैनेजमेंट कंपनियों पर ही आश्रित रहती है।
भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए निशांत कहते हैं उनकी कंपनी ऐसे लोगों की मदद करने के उद्देश्य से काम कर रही है जो समाज मे अपने स्तर पर अच्छा काम कर रहे हैं और समाज का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता भी रखते हैं, पर कहीं न कहीं इलेक्टोरल पॉलिटिक्स से इसलिए दूर हैं क्योंकि उनके पास चुनाव में खर्च करने के लिए पैसे नही हैं। निशांत कहते है मैं योग्य लोगों की और युवाओं की चुनावी राजनीति में सहभागिता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा हूं।
निशांत इलेक्शन मैनेजमेंट को एक व्यापार के रूप में नहीं देखते। वे कहते हैं कि मैं यह काम भारत मे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कर रहा हूं।